Saturday, 21 April 2018

DAR KE AAGE JEET HAI

i-Peg Poem of the Week #9

These poems are for my close friend Maj Vishwas Mandloi’s delightful group of tipplers called i-peg. One has to raise a toast to the committed lot for their single-minded aim of spreading cheers!

The last one was titled 'A Drink Is Like A Looking Glass'.

Here is the ninth one:

जो अपने आप को समझते हैं बहादुर,
उन्हें भी बीवी से लगता है इतना डर;
दोस्तों  के साथ शाम क्या बिता ली,
वापिस घर नहीं आते रात रात भर। 

हौंसला अफ़ज़ाई के लिए एक है तरीका,
हाथ में पकड़ो एक गिलास व्हिस्की का;
दो चार पेग गले में उतार लो,
फिर नहीं लगता डर किसी का। 

खुदा ने बन्दे को बना नहीं कमज़ोर।
जो बीवी को आज़माने दें हम ज़ोर;
चुपके से टॉनिक समझ के पी जायो,
कभी न करेगी वह कोई बेहूदा शोर। 

(Pic courtesy: Reddit)     
इंसान क्या, पीते हैं इसे भगवान् भी,
उनकी बीवी होती नहीं हैरान कभी;
जिनके हाथ सारी दुनिया की हो जिम्मेवारी,
होना चाहिए उनके हाथों में जाम भी। 

हम मर्दों की अगर सुने सरकार,
तो बीवी से बचने के लिए हमें करे होशियार;
हर शाम शराब का राशन दे के,
रात भर के लिए हमें करे वह तैयार। 

दोस्तो बढ़ो, डर के आगे जीत है,
बहादुर मर्दों का यही तो गीत है;
दो पेग में चूहा बन जाए शेर,
मैखाने की यही तो रीत है।



Sunday, 1 April 2018

APRIL FOOLS - HUM SAB INDIANS

Hasya Panktiyan of the Day #38

अप्रैल फूल उनके लिए है जो रोज़ नहीं बनाये जाते,
भारत में तो ऐसे त्यौहार हर लम्हा ही मनाये जाते। 


कुछ भी हो चुनाव चिन्ह राजनितिक दलों का,
लोग तो हर वक़्त उल्लू ही बनाये जाते। 

किसी भी सरकारी आफिस में कभी भी जाओ,
आम आदमी के बार बार चक्कर ही लगाए जाते। 

पुलिस चौकी में चाहे कसूरवार हो या मासूम,
दोनों एक ही तरह से सताये जाते। 

(Cartoon courtesy: The Hindu)


हमारे अस्पताल भी पुलिस स्टेशन से कम नहीं,
अच्छे भले यहाँ रोगी बनाये जाते। 

कचहरी के मुक़द्द्मे सालों साल चलते रहें,
और जो मासूम थे वह भी दोषी ठहराए जाते। 

तालीम में हम ऊपर सबको मात कर गए,
सीखने से ज़्यादह डिग्री के पीछे सब दौड़ाये जाते। 

मिलावट में हम दुनिया में नंबर वन हैं,
पेट्रोल में तकरीबन ३० फीसद तत्व मिलाये जाते। 

मैच देखने जाओ तो पहले से ही फिक्स हो चुके हैं,
यहाँ भी पैसा खर्च उल्लू बनाये जाते। 

ऐसे में अप्रैल फूल के कोई ख़ास माईने नहीं हैं,
यहाँ तो हर रोज़ ही फूल बनाये जाते।